Wednesday, 30 January 2013

भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक

भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक :- भारतीय संविधान के द्वारा स्थापित एक प्राधिकारी है जो भारत सरकार तथा सभी प्रादेशिक सरकारों के आय-व्यय का लेखांकन करता है। वह सरकार के स्वामित्व वाली कम्पनियों का भी लेखांकन करता है। उसकी रिपोर्ट पर सार्वजनिक लेखा समितियाँ ध्यान देती है। नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक ही भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा का भी मुखिया होता है। 

भारत के एक नियंत्रक -महालेखापरीक्षक को राष्ट्रपति अपने सील युक्त हस्ताक्षर से अधिपत्र द्वारा नियुक्त करेगा और उसके पद से केवल उसी से और उन्ही आधारो पर हटाया जाएगा जिस रीति से और जिस आधारो पर उचत्टम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है |

प्रत्येक व्यक्ति, जो भारत के नियंत्रक – महालेखापरीक्षक नियुक्त किया जाता है, अपना पद ग्रहण करने से पहले, राष्ट्रपति या उसके द्वारा इस निमित्त नियुक् व्यक्ति के समक्ष, तीसरी अनुसूची मे इस प्रयोजन के लिए दिये गये प्रारूप के अनुसार शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा |
नियंत्रक - महालेखापरीक्षक, अपने पद पर न रह जाने के पश्चात भारत सरकार के या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी और पद पर नियुक्त का पात्र नही होगा|

भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक, संघ के लेखाओ सम्बंधी प्रतिवेदनो को राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जो संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगा |
भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक, के किसी राज्य के लेखाओ संबंधी प्रतिवेदनो को उस राज्य के राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जो उनको राज्य के विधान मंडल के समक्ष रखवाएगा |

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